newborn baby, नवजात शिशु की देखभाल कैसे करे –how to take care of newborn baby
पहली बार माँ बनने वाली महिलाओ को अपने शिशु के साथ शुरुआती कुछ महीने काफी व्यस्त हो जाती हैं, उन्हें पता नहीं होता के अपने नवजात शिशु की देखभाल किस तरह करे |
नवजात शिशु की देखभाल करना यानी एक बहुत बड़ा काम सर पर बन जाता हैं, और जो माँ बनने वाली जिम्मेदारी आ जाती हैं, तो वो बहुत थका देने वाला जिम्मेदारी का काम हो जाता है, लेकिन यह आपके जीवन में सबसे अच्छा और अतुलनीय अनुभवो में से एक हैं|
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नवजात शिशु की देखभाल के लिए क्या करे
नवजात शिशु की देखभाल करना एक बहुत मुश्किल काम होता हैं, जो हर एक महिलाएं को माँ बनने के बाद अपने बच्चे के लिए करती हैं|
नवजात शिशु की देखभाल के लिए उनका हर एक काम समय-समय पर करना बहुत जरुरी होता हैं, जैसे की नहलाना,मालिश करना, दूध पिलाना,डकार दिलाना,उन्हे सुलाना,उन्हे सम्भालना,उनका नाख़ून काटना आदि, जैसे कार्य जो बहुत मुश्किल होता हैं, खासकर जब आप पहली बार माँ बनने वाली हो तो और भी मुश्किल होता हैं|
शिशु को कैसे नहलाएं
नवजात शिशु को नहलाना बहुत ही नाजुक सा काम होता हैं, नवजात शिशु को सप्ताह में 3 से 4 बार नहलाना शुरू करना चाहिए, ध्यान रखे की शिशु को नहालते वक्त उनका सभी सामान तैयार रखना चाहिये|
जैसे-कपड़ा,पावडर, साबुन, तैलीये ,तेल आदि जो भी आप शिशु को नहालने के बाद यूज करते है आवयश्क सभी समान तैयार रखना चाहिए|
नवजात शिशु को स्नान करते समय परिवार के किसी एक सदस्य का मदद जरुर लेना चाहिए, ताकि एक शिशु को पकड़ सके और शिशु दूसरा नहला सके, नहलाते समय शिशु को साबुन का इस्तेमाल अच्छे से खुद करे ताकि शिशु के आँखों में साबुन लगे न , और कानो में पानी न जाये इसलिए पानी धीरे-धीरे गिरा के नहलाये, शिशु को कोई दिक्कत न हो इस तरह उससे नहलाये|
नवजात शिशु को गुनगुना गर्म पानी से नहलाये ऐसा करने के तुरंत बाद बच्चे के शरीर को नर्म तैलीये से पोछे या सुखाये| फिर शिशु को लोशन,पावडर जो भी लगाते हैं वो शिशु को लगाये, और साफ डायपर व कपडे पहनाएं|
नवजात शिशु को मालिश कैसे करे
नवजात शिशु की मालिश समय-समय पर करना बहुत जरुरी होता हैं, मालिश आपके बच्चो के शरीर को आराम और सुलाने में व पाचन में सुधार करने में बहुत जरुरी होता हैं|
अपने हांथों में बेबी ओयल या लोशन ले और धीरे-धीरे शिशु के शरीर पर सहलाए, शिशु रोये न इसलिए उनकी आँखों में देख उनसे बातचीत करे , ताकि आपका शिशु ज्यादा रोये न ,शिशु को दिन भर में 3-4 बार मालिश करना चाहियें
नवजात शिशु को कब-कब मालिश करना चाहियें
शिशु को दिनभर में 4 बार मालिश करना चाहियें, शिशु को नहलाने से पहले 2 बार मालिश कर देना चाहियें, और बाकी के 2 बार दोपहर 3 या 4 बजे और एक बार रात को सुलाने से पहले, ये 4 समय शिशु को मालिश करना बहुत जरुरी होता हैं|
नवजात शिशु को दूध पिलाना
नवजात शिशु को समय-समय पर दूध भी पिलाना बहुत जरुरी होता हैं, किन्युकी येही तो उनका भोजन होता हैं| एक नवजात शिशु को दिन भर में 10-12 बाए स्तानपान कराना चाहियें|
शिशु को 6 महीने तक केवल माँ का दूध ही पिलाना बहुत जरुरी होता हैं, जो माँ के दूध में पोशक्त्त्व और antibody पाया जाता हैं, जो शिशु को स्वस्थ रहने व विकास के लिए बहुत जरुरी होता हैं , जो माँ के दूध में शिशु को भरपूर रूप से मिलता हैं|
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नवजात शिशु को डकार दिलाना
नवजात शिशु को दूध पिलाने के पश्चात तुरंत बाद में उससे डकार भी दिलाना बहुत जरुरी होता हैं, शिशु को दूध पिलाने के बाद आराम से एक हाँथ से अपने सीने से लगा के उसका सर कंधे पर टिका रहना चाहियें, और दूसरी हाँथ से उसकी पीठ की धीरे-धीरे थपथपाए जब तक व डकार न ले, कम से कम उससे 4-5 मिनट तक थपथपाए,ऐसा करने से शिशु आराम से डकार ले लेते हैं|
नवजात शिशु को संभालना
शिशु को सम्भालना सबसे मुश्किल काम होता हैं, अपने शिशु के साथ खेलते समय कुछ खाश बातो का ध्यान रखना चाहिये |
अपने शिशु को खेलते समय जादा जोर यानी तेज झटको से न हिलाएं, क्यों की शिशु के अंग नाजुक होते हैं उससे नुकसान पंहुच सकता हैं |
शिशु को हवा में न उछाले, क्यों की ऐसा करने से आपके शिशु को नुकसान पहुच सकता हैं|
हमेशा अपने शिशु को छूने से पहले अपने हांथो को धो ले, आदि ऐसी बातो को ध्यान रखकर अपने शिशु को सम्भाल सकते हैं|
नवजात शिशु को कैसे सुलाए
नवजात शिशु जन्म लेने के बाद 1-2 महीने में दिनभर में लगभग 12-14 घंटे सोने में लीन रहता होता हैं उनका कब दिन व कब रात पता ही नहीं चलता हैं, लेकिन वे असल में 2-4 घंटे ही सोते हैं, वैसे तो वो भूखे या गिले होते हैं तो बार-बार जागते रहते हैं|
जैसे शिशु को हर 2-3 घंटे में दूध पिलाना बहुत जरुरी हैं, आपको शिशु को जगाकर दूध पिलाने की जरुरत पड़ सकती हैं|
नवजात शिशु के नाख़ून कैसे कांटे
नवजात शिशु के नाख़ून अगर बड़े हो तो बहुत ही खतरनाक होते हैं,और इनके नाख़ून बहुत तेजी के साथ बढ़ते हैं, जो शिशु अपने हांथो से अपने चहरे व शरीर को खरोच मार लेते हैं, इसलिए शिशु के नाख़ून को काटना बहुत जरुरी होता हैं, शिशु के नाख़ून बहुत ही नरम व पतले होते हैं, इसलिए बच्चो वाली नाख़ून कतरनी से ही शिशु के नाख़ून काटना चाहिए
जब शिशु आपका सो रहा होता हैं तब शिशु के नाख़ून को धीरे-धीरे से कांटे, क्यों की शिशु के नाख़ून बहुत ही कोमल होता हैं और यह बच्चे के लिए दर्द का कारण बन सकता है|
पहली बार बने माता-पिता को परिवार वालो की मदद लेनी चाहिए|
ये कुछ उपाय थे जिससे आप नवजात शिशु की देख भाल कर सकते है
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